एकेएस विश्वविद्यालय सतना का उल्लेखनीय कृषि संग्रहालय,विंध्य क्षेत्र में विलुप्त होते हुए कृषि के प्राचीन उपकरण कृषि से संबंधित पुरानी जानकारियां से परिपूर्ण।

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सतना। एकेएस के कृषि विज्ञान एवं तकनीकी विभाग में कृषि विस्तार शिक्षा विभाग द्वारा समुन्नत कृषि संग्रहालय स्थापित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विंध्य क्षेत्र में विलुप्त होते हुए कृषि के प्राचीन उपकरण, कृषि से संबंधित पुरानी जानकारियां, कृषि से संबंधित पुरानी वस्तुएं,मिट्टी से संबंधित उपकरण, गांव का नमूना अगली पीढ़ी तक सुरक्षित रहें। यहां पदम श्री बाबूलाल दहिया जी द्वारा भेंट की हुई धान की प्राचीन किस्मे, कृषि पर बघेली कविताएं उपलब्ध हैं । इस संग्रहालय में आदिवासी नृत्य परिधान, आदिवासी आभूषण,आदिवासी वाद्य यंत्र आदिवासी देवता, भारत में प्राचीन कृषि पद्धति, मध्य प्रदेश में मृदा के प्रकार, मध्य प्रदेश में आम का क्षेत्र, मध्य प्रदेश में मसाला का क्षेत्र, एक जिला एक उत्पाद, शंकर धान की किस्में ,गेहूं की किस्में ,चना की प्रचलित किस्में,श्रीयांगनी बाजरा, रागी, कुटकी, हरि कंगनी, पुराने अन्य अनाज भी उपलब्ध हैं। भारत में गन्ना का उत्पादन क्षेत्र, कपास का उत्पादन क्षेत्र, धान में लगने वाली प्रमुख बीमारियां एवं धान में लगने वाले प्रमुख कीट लगने वाली प्रमुख बीमारियां एवं प्रमुख कीट और फसलों में विभिन्न प्रकार की पोषक तत्वों की कमी से होने वाले परिवर्तन भी दर्शाए गए हैं। औषधीय पौधों के उपयोग, समाकलित खेती पद्धति, प्राचीन खेती की सिंचाई पद्धति, प्राचीन अनाज भंडारण की पद्धति, मध्य प्रदेश में प्रमुख बकरी की नस्ल, ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग भी संदर्भित है। भारत में कृषि की प्रमुख क्रांति, आदिवासियों की प्रमुख जनजातियां, मध्य प्रदेश में संचार की क्या भूमिका है तथा कृषि में इसके बारे में भी जानकारी उपलब्ध है।

महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवस, मिट्टी के उपकरण, खेती में उपयोग होने वाली प्रमुख माप यंत्र जैसे कुरई, पइला,रस्सी बनने के यंत्र, पशुओं को बांधने के लिए खटखट, घंटी एवं कृषि में उपयोग होने वाला देशी हल, बैलगाड़ी,जुआ ,मथानी, बड़ी ओखला, झपलिया, टोकनी, चकरी, अनाज से अलग करने वाले विभिन्न प्रकार के चलनी, चूल्हा, मगरी यहां पर आपकी उत्सुकता को बढ़ाते हैं और अतीत के गलियारों में भी ले जाते हैं। महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवस की जानकारी के साथ यहां पर विभिन्न प्रकार की सामग्रियां उपलब्ध हैं। समय-समय पर कृषि विज्ञान विभाग, आईसीएआर, नई दिल्ली, कृषि विभाग, सतना, कृषि के विभिन्न वैज्ञानिक एवं किसान विंध्य क्षेत्र के किसान छात्र-छात्राएं इस संग्रहालय के माध्यम से अपना कृषि से संबंधित ज्ञानवर्धन करते हैं।

इस संग्रहालय की स्थापना एकेएस विश्वविद्यालय के के द्वारा छात्र हित, किसान हित, क्षेत्र हिट एवं कृषि ज्ञानवर्धन के लिए की गई है।आसपास के किसान भाई आसपास के कृषि उद्यमी एवं सतना जिले में रहने वाले एवं मध्य प्रदेश में रहने वाले किसान भाई यहां पर भ्रमण करके इस संग्रहालय से प्राप्त जानकारी से अपना ज्ञानवर्धन करते हैं। यह समस्त जानकारी कृषि संग्रहालय में कार्यरत शिवराम प्रजापति जी ने प्रदान की।

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