AKS : एकेएस university के सिविल इंजीनियरिंग बीटेक छठवें और डिप्लोमा छठवें सेमेस्टर के छात्रों ने की बाणसागर विजिट….

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(स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल जाने यही विजिट का उद्देश्य. विशुतोष बाजप)

सतना। एकेएसयू के छात्र विभिन्न औद्योगिक संयंत्रों और निर्माण स्थलों के औद्योगिक विजिट के लिए जाते हैं जिसमे करके सीखना शामिल होता है ताकि उचित फील्ड एक्सपोजर मिल सके और विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सैद्धांतिक ज्ञान के व्यावहारिक पहलुओं को सीख सकें इसी कड़ी मेंअनुभव प्राप्त करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग के बीटेक छठवें सेमेस्टर और डिप्लोमा छठवें सेमेस्टर के छात्र बाणसागर डैम देवलोंद, शहडोल गए।

इस विजिट के दौरान छात्रों ने व्यावहारिक रूप से बांधों के विभिन्न निर्माण पहलुओं जैसे उनके प्रकार, बांधों पर विभिन्न बलों, जलाशय के ऊपर और बांध के नीचे के कार्य बांध के गेटों के सफल संचालन, ऊर्जा अपव्यय को रोकने के उपाय, स्पिलवे, टर्बाइन और जनरेटर के माध्यम से बिजली उत्पादन के तरीके और इसके वितरण के समस्त आयाम देखे जल निकासी दीर्घाओं का अनुभव भी प्राप्त किया , पेनस्टॉक और बांधों से संबंधित ऐसी कई शब्दावली समझी जिसे उनके फैकल्टी ने समझाया था विशुतोष बाजपेई एचओडी, सिविल इंजीनियरिंग के मार्गदर्शन में विजिट हुई छात्रों ने इसे अच्छा अनुभव बताया छात्रों की बाणसागर बांध से संबंधित उत्सुकता के समस्त सवालों के जवाब विषय विशेषज्ञों ने समझाएं।

उन्हें ये भी बताया गया कि बांध का निर्माण कब हुआ इसमें कितना सिंचाई का क्षेत्र शामिल है इसके क्या उद्देश्य थे और बाणसागर बांध द्वारा किस किस तरह के कृषि परिवर्तनों को अभी तक महसूस किया गया है भूकंप के झटकों को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं और इसके निर्माण में कितने साल लगे तथा बांध बनने के बाद किस तरह यहां के लोगों को विस्थापित किया गया और विकास के नए आयाम तय किए गए इस पर भी स्टूडेंट्स को जानकारी दी इंजीनियर डी.एन.सर के मार्गदर्शन में कई मशीन के कार्य स्टूडेंट्स ने सीखे। स्टूडेंट्स के साथ फैकल्टी सतीश तिवारी, श्रद्धा पांडे और आदित्य ने मार्गदर्शन में उल्लेखनीय कार्य किया। स्टूडेंट्स के साथ सतीश तिवारी, श्रद्धा पांडे और आदित्य बुधधरा शामिल रहे….

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