सतना। प्रो. आर.एस.निगम,डीन बेसिक साइंस,डॉ. शैलेन्द्र यादव, विभागअध्यक्ष रसायन विभाग,फैकल्टी कान्हा सिंह तिवारी, मृत्युंजय शुक्ला, रसायन तथा अन्य दो सहलेखक डा चित्रसेन गुप्ता और राहुल मिश्र पी.जी.कॉलेज,चकके,जौनपुर के साथ मिलकर सतत कार्यकिया..
पेपर का प्रकाशन स्प्रिंगर नेचर,स्विट्जरलैंड के जर्नल, जर्नल ऑफ बायो एंड ट्रायबो कोरोज़न, 2198-4239, 2198-4220 के 2023 के 9 वें अंक के 79 इश्यू मे हुआ है। इस रिसर्च में डिस्क्लोज किया गया है की दवाओं का उपयोग न केवल उपचार के लिए किया जाता है बल्कि धातु संक्षारण अवरोधक के रूप में भी किया जा सकता है। लेखकों ने बताया की एक्सपायरी दवाओं में भी धातु क्षरण को रोकने की क्षमता होती है और यह बेकार हो चुकी दवाओं के उपयोग का एक और तरीका है..
संक्षारण अवरोधकों के रूप में दवाओं का उपयोग खतरनाक कार्बनिक अवरोधकों के नए संश्लेषण को कम कर देता है क्योंकि कार्बनिक यौगिको को चिह्नित और संश्लेषण करने की आवश्यकता होती है और संक्षारण अवरोधकों के रूप में दवा के उपयोग की तुलना में यह महंगा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी लेखकों को बधाई दी है..
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸