सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी में शनिवार 29 जून को नवीन आपराधिक विधि 2023 पर संगोष्ठी आयोजित हुई। 1 जुलाई से कानून का रूप लेने वाली इन धाराओं के बारे में बताया गया की आईपीसी में 511 धाराएं थी जबकि भारतीय न्याय संहिता में 356 धाराएं होगी कई सारी धाराओं को हटाया गया है कई में बदलाव किया गया है और कई धाराएं नई जोड़ी गई हैं। भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा बदलाव हो जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त 2023 को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक पेश किया।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सतना आशुतोष गुप्ता, एडिशनल एसपी शिवेश सिंह बघेल, एडिशनल एसपी विक्रम सिंह,सीएसपी महेंद्र सिंह, डीएसपी वीरेंद्र बहादुर सिंह, डीपीओ ज्योति जैन,एडीपीओ भीष्म सिंह,एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी,टीआई कोतवाली शंखधर द्विवेदी, टीआई कोलगवां सुदीप सोनी,एसडीओपी महादेव नागोटिया, टीआई अंजू पटेल, डीपीएस रीवा,एडीपीओ रीवा आदर्श बघेल के साथ जिले के समस्त टीआई, एस आई एवं विवेचना अधिकारी सहित पुलिस महकमा जिला सतना उपस्थित रहा। सभी वक्ताओं ने भारतीय न्याय संहिता 2023, पुरानी दंड संहिता 1860, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की आपस में तुलना करते हुए जानकारी दी।
कार्यक्रम के समापन मौके पर विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि जिन देशों में कानून का शक्ति से पालन किया जाता है उन देशों ने विकास के पायदान जल्दी तय किए हैं। कार्यक्रम का संचालन डीन विधि साइंस डॉ सुधीर जैन ने किया।कार्यक्रम में डायरेक्टर जनरल एडमिन बृजेंद्र सोनी,विनय पाठक,शशिकांत दुबे,हरिशंकर सोनी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸