औषधीय गुणों से भरपूर है जंगल में पाया जाने वाला तेंदू का फल, सेवन करने से होंगे ये फायदे।

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मध्यप्रदेश के उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला आदि जिलों में काफी संख्या में हैं तेंदू के पेड़जबलपुर। मध्यप्रदेश के उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला सहित अन्य जिलों के जंगल में पाया जाने वाला तेंदू का फल अप्रैल माह में पक जाता है। जिसे ग्रामीण आदिवासी जंगल से तोड़कर बेचने के लिए आसपास के बाजारों में ले जाते हैं। यह 100 से 200 रुपए प्रति किलो तक बिकता है और लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं।

विटामिन्स और पोषक तत्व :

तेंदू फल गर्मी के मौसम में लू लगने से बचाने के अलावा विभिन्न बीमारियों को दूर करता है। आयुर्वेद में तेंदू फल को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इसमें कॉपर, पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक जैसे पोषक तत्व और विटामिन्स पाए जाते हैं। ग्रामीण इसे सुखाकर भी सालभर इस्तेमाल करते हैं, खासकर बरसात के मौसम में जब बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

तेंदू फल के बारे में खास बातें :

यह फल मुख्य रूप से भारत के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम डाइआॅस्पिरॉस मेलानॉक्सिलॉन है। तेंदू फल को अंग्रेजी में ‘पर्सिम्मन’ कहते हैं, इसे कभी-कभी ‘डेट-प्लम’ भी कहा जाता है। तेंदू फल खाने में मीठा और स्वादिष्ट होता है।

शरीर को मजबूत बनाता है :

वैद्य उमाशंकर सिंह बताते हैं कि, इसमें मौजूद मिनरल और विटामिन कई बीमारियों को दूर रखते हैं। तेंदू फल पाचन तंत्र को ठीक रखता है। इसका सेवन करने से शरीर मजबूत होता और मांसपेशियां बनती हैं। गर्मी में तेंदू फल शरीर को ठंडक पहुंचाता है और ऊर्जा देता है।इनका कहना है:

तेंदू के फल में विटामिन सी और एंटीआॅक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड्स डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होता है। वहीं हाई फाइबर कंटेंट पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। डॉ. अरविंद तिवारी, रिटा. आयुर्वेद चिकित्सक

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