चित्रकूट के जंगल में बाघों का डेरा, ग्रामीणों में दहशत ।

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सतना । जिले में स्थित भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट और उससे लगे जंगल अब बाघों को भाने लगे है, इन जंगलों से सटे गावों में अब बाघ की दहाड़ गूंजने लगी है, इन जंगलों में बाघों का कुनबा भी तेजी से बढ़ रहा है, पन्ना टाइगर रिजर्व से अब तक काफी संख्या में बाघ चित्रकूट इलाके के जंगलों में आ चुके हैं, इनकी संख्या करीब दो दर्जन तक पहुंच गई है, जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत साफ देखी जा रही है, बाघ की दहशत, ग्रामीणों में खौफ और गांव में पसरा सन्नाटा। घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे ग्रामीण। ग्रामीणों में डर इतना कि उनके रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसान भी खेत नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे उनकी फसलों को आवारा जानवर चट कर रहे है।

पटना गांव के दिरगज बताते है कि उनके बच्चे अपने खेतों में खड़ी फसल की रखवाली करने गए थे। तभी उन्हें खेत के पास बाघ बैठा दिखाई दिया। बाघ देखते ही दोनों बच्चे वहां से भाग खड़े हुए। अब तो इस इलाके के लोगों को सड़कों के किनारे बाघ दिखना आम बात हो गयी है।

मझगवां और चित्रकूट क्षेत्र के जंगलों और गांवों के आस पास क्षेत्र में दर्जनों बाघों ने अपना बसेरा बना लिया है। पन्ना जिले से आये इन बाघों को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड में है, प्रशासन के मानना है इस क्षेत्र में छोटे बड़े करीब दो दर्जन बाघ विचरण कर रहे है।

जिसे लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट भी जारी किया है कि जंगल में न जाएं हिंसक जीव भ्रमण में हैं। इस ग्रामीण क्षेत्र के जंगल के आसपास कोल दर्जनों गांव बसे हुए हैं। बाघ क्षेत्र में घूमने की जानकारी होने पर वह डरे हुए हैं।

पिछले कुछ माह से एक दर्जन से अधिक गांवों में बाघों की दहशत बनी हुई है। वन विभाग ने बाघ का मूवमेंट जानने के लिए जगह जगह कैमरे लगाएं हैं, साथ ही लोगों को सतर्क करने के लिए उनको जागरूक भी कर रहे है, मझगवां क्षेत्र के रेंजर अधिकारी पंकज दुबे ने बताया कि मझगवां क्षेत्र में बाघ देखा जा रहा है। क्षेत्र के निवासियों को सतर्कता से रहने के लिए कहा गया है, वन जीव अब चित्रकूट के जंगलों की सीमा वाले जंगलों में अपना बसेरा बना रहे हैं यहां पर बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है, चित्रकूट मझगवां इलाके के जंगलों में बाघ, भालू, तेंदुआ आदि वन्य जीवों की संख्या में लगातार बड़ोत्री ।

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