सतना। एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र यादव ने संकाय सदस्यों कान्हा सिंह तिवारी और लक्ष्मी अग्निहोत्री के साथ मिलकर अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में नया प्रयोग किया है। उन्होंने स्प्रिंगर नेचर द्वारा प्रकाशन में एक पुस्तक अध्याय का योगदान दिया है जिसका शीर्षक “पौधे से उत्पन्न प्राकृतिक रंगों का पृथक्करण, अनुप्रयोग और महत्ता” है, स्प्रिंगर नेचर द्वारा पुस्तक नेचुरल प्रोडक्ट्स में इसे प्रकाशित किया गया है।

यह अध्याय पौधों से प्राप्त प्राकृतिक रंगों के निष्कर्षण और उपयोग पर प्रकाश डालता है, उनके पर्यावरणीय लाभों, विभिन्न उद्योगों में अनुप्रयोगों और ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालता है। डॉ. यादव ने बताया कि सिंथेटिक रंगों के लिए स्थायी विकल्पों को बढ़ावा देने में पौधे-आधारित रंगों के महत्व पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि “प्राकृतिक रंग कपड़ा, खाद्य और दवा उद्योगों में व्यापक अनुप्रयोगों के साथ एक पर्यावरण-अनुकूल समाधान हैं। हमारा अध्याय उनके महत्व और भविष्य की क्षमता पर प्रकाश डालता है। एकेएस विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विद्वत्तापूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸