एकेएस में आयोजित तीन दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का समापन, कथक के सुर, ताल, लय की मिली तालीम को रखना याद, विद्याहरि देशपांडे।

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सतना। एकेएस के सी 11 सभागार में अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना विद्याहरि देशपांडे के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय नृत्य कार्यशाला के समापन अवसर पर 70 छात्राओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया । उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत महाविद्यालय सतना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने उद्बोधन देकर स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित किया। नाशिक की अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना विद्याहरि देशपांडे के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय कार्यक्रम एकेएस युनिवर्सिटी सतना के सहयोग से आयोजित हुआ। विद्याहरि देशपांडे के मार्गदर्शन में कथक प्रतिभागियों को गहन प्रशिक्षित किया गया। समापन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर अनंत कुमार सोनी,साधना सोनी, संस्कार भारती के मणिकांत महेश्वरी,हेमंत गौतम,प्राचार्य अंजनी पांडे,धनराज गुप्ता, डॉ.बी.के.गांधी,श्री मती संध्या गांधी,रमाकांत त्रिपाठी,ऋषभ त्रिपाठी,राधा सिंह,प्रीति सिंह छाया वसानी,सोनल वसानी ने सर्टिफिकेट देकर प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

कार्यक्रम के संयोजन में सुकृति सोनी, कथक नृत्यांगना की विशेष भूमिका रही। गुरुवार को शास्त्रीय नृत्य कथक कार्यशाला के समापन अवसर पर पिछले 40 वर्षों से लगातार कथक की सेवा करने वाली विद्याहरि देशपांडे ने कहा की कला के लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ इसमें आध्यात्मिक संतुष्टि भी मिलती है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन बेसिक हाथ पैर की मुद्राओं और भाव भंगिमाओ की जानकारी दी गई तीसरे दिन तक छात्राएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्यक्रम की प्रशंसा की है।

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