गुरुकुलम ज्ञानोदय विद्यापीठ विद्यालय में जन्माष्टमी का उत्सव।

Loading

Gurukulam School: हमारे विद्यालय गुरुकुलम ज्ञानोदय विद्यापीठ हर वर्ष की भांति इस बार भी जन्माष्टमी का पर्व बेहद धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी अनमोल शिक्षाओं के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक धरोहर से भी गहरा जुड़ाव महसूस किया। इस आयोजन ने बच्चों के मन में न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया, बल्कि उन्हें गायों के प्रति प्रेम और सम्मान का भी पाठ पढ़ाया।

नर्सरी और एलकेजी के बच्चों के लिए खास कार्यक्रम:

नर्सरी और एलकेजी के नन्हें बच्चों के लिए विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के गौप्रेम और हमारी संस्कृति में गायों के महत्व के बारे में सिखाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों को एक शिक्षाप्रद फिल्म दिखाई गई, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया गया। फिल्म देखने के बाद बच्चों ने अपने भीतर के कलाकार को उजागर करते हुए भगवान श्रीकृष्ण और गायों पर आधारित सुंदर चित्र बनाए। इन चित्रों में बच्चों की कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता की झलक दिखाई दी, जो इस पर्व को और भी खास बना गई। इन चित्रों के माध्यम से बच्चों ने अपने सांस्कृतिक जुड़ाव को एक नई दिशा दी।

यूकेजी के बच्चों का गोशाला का दौरा:

यूकेजी के बच्चों के लिए जन्माष्टमी का उत्सव और भी खास रहा, जब उन्हें गोशाला (गायों का शेड) ले जाया गया। यहां बच्चों ने प्रत्यक्ष रूप से गायों के साथ समय बिताया और भगवान श्रीकृष्ण के गौप्रेम के बारे में गहराई से समझा। गोशाला में बच्चों को यह सिखाया गया कि गायों का हमारे जीवन में क्या महत्व है और क्यों हमें उनकी सेवा और संरक्षण के लिए तत्पर रहना चाहिए।बच्चों ने गोशाला में गायों को चारा खिलाया और उनके साथ घुलमिलकर प्राकृतिक वातावरण का पूरा आनंद लिया। इस अनुभव ने बच्चों के मन में गायों के प्रति करुणा, प्रेम और सम्मान का भाव उत्पन्न किया। गोशाला में बिताया गया यह समय बच्चों के लिए यादगार बन गया, जहां उन्होंने न केवल आनंद लिया, बल्कि उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण सबक भी सीखे।

समारोप:

जन्माष्टमी के इस विशेष आयोजन ने बच्चों के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा, जहां उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी शिक्षाओं को आत्मसात किया और हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गहरा जुड़ाव महसूस किया। बच्चों ने इस पर्व का न केवल आनंद लिया, बल्कि इससे उन्हें गायों के प्रति प्रेम, करुणा और आदर का महत्व भी समझ में आया।इस प्रकार, हमारे विद्यालय में जन्माष्टमी का यह उत्सव नन्हें-मुन्नों के लिए एक यादगार और शिक्षाप्रद अनुभव बना। इस अवसर ने बच्चों को न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों से भी अवगत कराया, जो उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *