सतना । एकेएस विश्वविद्यालय, सतना के वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र ओझा के दिशा निर्देशों और मार्गदर्शन में एकेएस विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के जूनियर स्टूडेंट सीनियर स्टूडेंट को फेयरवेल पार्टी दे रहे हैं ।इस फेयरवेल पार्टी का शुभारंभ अतिथियों के ललाट पर स्टूडेंट्स ने आदर के साथ रोली ,चावल और टीका लगाकर अभिवादन के साथ किया, जैसे-जैसे अतिथि सभागार में प्रवेश करते रहे ,वैसे वैसे स्टूडेंट्स का उत्साहवर्धन होता रहा, इसी उत्साह वर्धन की कड़ी में अतिथियों को पुष्पगुच्छ प्रदान करते हुए उनका परिचय विभागाध्यक्ष डॉ धीरेंद्र ओझा ने दिया….
तत्पश्चात स्टूडेंट्स ने अतिथियों से आग्रह कर मां शारदा की आराधना करते हुए वर दे वीणावादिनी वर दे की सुमधुर धुन के साथ अक्षत के चावल, पूजा की धूप,खुशबू से सराबोर मोहक दीप,चंदन के आध्यात्मिक प्रभाव के साथ किया, इसके पश्चात अतिथियों के उद्बोधन हुए उन्होंने जाते हुए लम्हों और नई तरुणाई को शुभआशीष प्रदान किए और उन्हें जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की सीख भी दी, वक्त जैसे आगे बढ़ा वैसे वैसे गीत, संगीत,नृत्य की छटा सभागार को अपने मोहक प्रभाव में लेती गई। मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियों, देशज और वेस्टर्न गीतों में भावपूर्ण संगीत की प्रस्तुति,गेम्स में मस्ती और मनोरंजन ,स्टैंड अप कॉमेडी, चेयर गेम्स,बैलून गेम्स के दौरान जूनियर और सीनियर ने मिलकर ऐसा समा बांधा कि यह लम्हे काफी खास बन गए, आगे की कड़ी में सीनियर्स ने अपने विश्वविद्यालय के अनुभवों से अपने जूनियर्स को परिचित कराया और उन्हें जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए ज्ञानार्जन करने की सलाह दी, जूनियर्स ने सीनियर्स की सलाह को आत्मसात करते हुए हमेशा उनकी सीख को अपने जेहन में रखने की बात कही और उनका अभिवादन किया, फूलों की माला की तरह रंग-बिरंगे गीत, संगीत और मनमोहक प्रस्तुतियों से वाणिज्य संकाय का यह कार्यक्रम बेहद खास बन पड़ा…
कार्यक्रम के अंत में सीनियर स्कोर यादों की एक ऐसी विरासत सौंपी गई जिसे वह ताउम्र अपने साथ रखेंगे, विदाई के वक्त कुछ भावुक लम्हे, कुछ गीली पलकें लबों पर मीठी मुस्कान और मिलने बिछड़ने का गम लिए खुशी भरा यह फेयरवेल बेहद खास बन पड़ा। यादों की अंगनाई में अल्फाजों के मुस्कुराते किनारों में अपनेपन की डूबी यादें, टीचर्स के साथ जीवन के लम्हे ,आते जाते पलों की खट्टी मीठी इबारतें और कल्पनाओं की लुनाई के बीच, यादों का एक ऐसा संसार रच बस गया,जिसमें अनमोल लम्हे,पल और घड़ी की टिक टिक करती हुई आवाज भी कैद हो गई….
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸