सतना। इस अध्याय में कोविड-19 सहित विभिन्न वायरल रोगों के उपचार के लिए पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले औषधीय पौधों की क्षमता पर केंद्रित आलेख है, वायरल रोगों के उपचार के कई तरीके हैं और औषधीय पौधे का उपयोग करके उपचार एक प्राचीन विधि है और इन दृष्टिकोणों में दवा वितरण प्रणाली विकसित करके इसमें सुधार किया जा सकता है….
औषधीय पौधों में माइक्रोबियल गतिविधियों वाले प्राकृतिक उत्पाद होते हैं, लेकिन ज्यादातर ये उत्पाद सहक्रियात्मक प्रभाव के माध्यम से उच्च क्षमता प्रदर्शित करते हैं, लेकिन इन यौगिकों में एक या दो यौगिक प्रभावी एंटीवायरल गतिविधि दिखाते हैं, यह अध्याय न केवल कोविड-19 बल्कि अन्य वायरल संक्रमणों के लिए भी औषधीय पौधों के महत्व पर जोर देता है, उनके चैप्टर का विषय एंटी कोरोनावायरस एंड एंटीवायरल एक्टिविटीज ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स है जिसे डेजाइटर पब्लिशर ने फाइटोकेमिकल्स इन मेडिसिनल प्लांट बुक में स्थान दिया है, एकेएस विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ शैलेंद्र यादव, सहलेखक धीरेंद्र सिंह चौहान और वंदना श्रीवास्तव ने इंटरनेशनल जनरल में बुक चैप्टर 12 पब्लिश करने में सफलता पाई है जो इस जनरल के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है इस बुक चैप्टर के बारे में जानकारी देते हुए डॉ शैलेंद्र यादव ने बताया की वायरस संक्रमण एक वैश्विक समस्या की तरह उभरा, जब कोरोना वायरस ने समूचे विश्व को अपनी जद में ले लिया। इसी दौर में समूचा विश्व जैसे थम सा गया था….
आर्थिक गतिविधियां स्थगित हो गई और पूरा विश्व इस पांडेमिक की चपेट में आ गया इस दौरान रिसर्च और वैज्ञानिकों का ध्यान इस महामारी की रोकथाम के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर गया, तीनों वैज्ञानिकों ने मिलकर अपने कार्य को फाइटोकेमिकल इन मेडिसिनल प्लांट नामक पुस्तक में बुक चैप्टर में पब्लिश करने के लिए भेजा जिसे एडिटर समूह की मान्यता मिली और उसे प्रकाशन में स्थान भी मिला डॉक्टर शैलेंद्र यादव, धीरेंद्र सिंह चौहान और वंदना श्रीवास्तव के कार्यों के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन और उनके समस्त सहकर्मियों ने शुभकामनाएं देते हुए बधाई संदेश दिया है….
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸