AKS UNIVERSITY: एकेएस वि.वि. के सहायक प्राध्यापक गौरव सिंह ,साहित्य प्रभा सम्मान से सम्मानित, साहित्य के राष्ट्रीय मंच द्वारा कलमकार को मिली पहचान की तान….

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सतना। एकेएस विश्वविद्यालय के कला विभाग में इतिहास विषय के सहायक प्राध्यापक, गौरव सिंह को 9 अप्रैल को राष्ट्रीय साहित्य प्रभा मंच के द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में ख्यात साहित्यकारों के समूह के बीच परिचय देते हुए उनका अभिनंदन किया गया कविता का मजमून देखें कोई बाहर मीठा ,तो अंदर नीम होता है ,मैने सियासी पेड़ों का वो आम देखा है ,साहित्य प्रभा सम्मान से सम्मानित होना उनकी लेखनी के लिए एक सशक्त हस्ताक्षर है।आज का मजदूर में उन्होंने जो भाव दिया जो महसूस किया उसे देखें ,मैं बेहद मजबूर हूँ ,मैं आज का चुनाव का कोहिनूर हूँ, बदलती परछाईयाँ , मैं सियासी तुनीर हूँ , वो कहकर मुकर गये, मैं दूध सा सफेद हूँ , मैं बेहद मजबूर हूँ , मैं आज का मजदूर हूँ, दोनो कविताएं समय की खरिया से लिखी काल के सफेद काले माथे की दीवार पर दस्तक हैं….

इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न शहरों के साथ नेपाल से भी कई साहित्यकार उपस्थित थे । अधिवेशन में राष्ट्रीय साहित्य प्रभा मंच के साझा काव्य संकलन ‘अनहद ‘ का विमोचन किया गया, इस पुस्तक में सहायक प्राध्यापक गौरव सिंह की दो स्वरचित कविताएं मैं आज का मजदूर हूँ और दीदार कविता को स्थान प्रदान किया गया जो सराही गईं प्रकाशित कविताएं कवि के कोमल मन और जीवन के विराट संघर्षों का लेखा जोखा प्रस्तुत करने के साथ अकुलाहट भी पेश करती हैं जुबान के रास्ते दिल में उतरती हुई मन मस्तिष्क में गहरी छाप छोड़ती हैं….

कवि गौरव की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन इंजी.अनंत कुमार सोनी, प्रतिकुलपति प्रो.आर एस. त्रिपाठी ,एडवाइजर टू चांसलर प्रो.बी ए चोपड़े,डॉ हर्षवर्धन श्रीवास्तव ,विभागाध्यक्ष मिर्जा समीउल्ला बेग व विभाग के सभी शिक्षकों ने उनकी कविताओं पर अपना नजरिया देते हुए उन्हें समाज की तस्वीर को शब्दों के पिटारे और लकीरों से हटकर मौलिक लेखन के लिए हर्ष व्यक्त कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की है….

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