AKS University : सतना। विज्ञान विषय के प्राध्यापक प्रो.आर.एन.त्रिपाठी के लिए परिवार मंदिर था,उसने उनकी शक्ति थी ,परिश्रम उनका कर्तव्य था। परमार्थ उनकी भक्ति थी। आधी सदी से अधिक वर्षों तक विंध्य के विद्यार्थियों का निरंतर मार्गदर्शन करने वाले स्वर्गीय प्रोफेसर राम नारायण त्रिपाठी विगत दिनों हम सब को छोड़कर परलोक वासी हो गए।टीचिंग को अपना कर्म बनाने वाले प्रोफेसर त्रिपाठी विज्ञान के साथ-साथ कला और वाणिज्य विभाग विषय के छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे ।किसान परिवार से नाता होने कारण किसानों और आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्रों का छात्रों के लिए हमेशा सहयोगात्मक रुख रखने वाले प्रोफेसर त्रिपाठी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी बनाए गए..
AKS University : उन्होंने बच्चों से जुड़ाव कभी समाप्त नहीं होने दिया और विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान करते रहे ।बीते दिनों तबीयत खराब होने पर उन्हें एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया जहां हृदयगति रुकने से उन्होंने अंतिम सांस ली।उनके निधन पर विश्वविद्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें सभी वरिष्ठ जनों ने उनके बारे में अपनी राय जाहिर की इस मौके पर उनके निधन पर विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रोफेसर बी.ए. ,चौपाड़े,, डॉ.आर. एस. त्रिपाठी, डॉ.आर. एस. निगम, इंजीनियर आर.के.श्रीवास्तव, प्रो.एस.एस. तोमर, प्रोफेसर जी. के. प्रधान के साथ ही एकेएस विश्वविद्यालय के समस्त फैकल्टी, राजीव गांधी कंप्यूटर कॉलेज, राजीव गांधी कॉलेज के समस्त स्टाफ द्वारा प्रोफेसर त्रिपाठी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शत-शत नमन किया गया और उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को याद किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने कहा कि आदरणीय त्रिपाठी सर हम सबके लिए पिता जैसे थे, हमेशा अपनी बातों से बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझाने में मदद करते थे, वह हम सब के मार्गदर्शक थे..
AKS University : मुझे बहुत दुख है इस बात का कि मेरे सामने उनके पैर में चोट लगी और जिसने उनका जीवन ले लिया भगवान ऐसे पुण्य आत्मा को अपने चरणों में जगह दे। प्रतिकूलपति प्रोफेसर आर.एस. त्रिपाठी ने कहा की भाई साहब का निधन अत्यंत दुखद समाचार है, ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को संबल दें। वह अपने पीछे दो पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।प्रतिकूलपति डॉ.हर्षवर्धन ने नम आंखों से उन्हें याद किया और कहां की उनका जाना मेरी निजी क्षति है। प्रोफेसर विपिन व्यवहार ने कहा की प्रो. त्रिपाठी सर का अवसान एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, देव तुल्य ऐसी परम सत्ता को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक सभा के अंत में उन्हें नमन करते हुए विश्व विद्यालय परिवार ने कहा कि संसार प्रकृति के नियमों के अधीन है और परिवर्तन एक नियम है, शरीर तो मात्र एक साधन है, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी ने कहा की स्वर्गीय त्रिपाठी सर वरिष्ठ और कनिष्ठ विश्व विद्यालय परिवार के सदस्यों के बीच काफी लोकप्रिय थे और इसका कारण था उनका सरल स्वभाव,आत्मीयता से सभी से मिलना, सभी का हाल चाल जानना और मुस्कुराते हुए अभिवादन स्वीकार करना वह सभी का बड़ा ध्यान रखते थे..
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸