सतना। जिले के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले संविदा डॉक्टर द्वारा हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव महिला का सिजेरियन ऑपरेशन सामने आया है, इस मामले का खुलासा होने के बाद अस्पताल की इस लापरवाही के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, महिला प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी, लेकिन 48 घंटे तक दर्द से जूझने के बाद भी किसी डॉक्टर ने सिजेरियन ऑपरेशन नहीं किया, कहा जा रहा है कि ऐसा सुनियोजित ढंग से किया गया, ताकि प्रसव के लिए किसी निजी अस्पताल में ले जाया जा सके और ऑपरेशन के नाम पर मोटी रकम वसूली जा सके।
आशा कार्यकर्ता ने पहुंचाया दूसरे हॉस्पिटल :
विश्वस्नीय सूत्रों के अनुसार प्लानिंग के तहत एक आशा कार्यकर्ता ने इस महिला को सोई हॉस्पिटल सर्किट हाउस चौक पहुंचाया, जहां पर जिला अस्पताल के संविदा डॉक्टर ने उसका सीजर ऑपरेशन किया। फिलहाल,इस मामले में नोटिस और जवाब का दौर शुरू हो गया है, बताया जाता है कि हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव महिला, रामनगर क्षेत्र के खारा गांव से प्रसव के लिए सतना जिला अस्पताल आई थी। बता दे की सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने जिला अस्पताल के डॉक्टर और सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी और नर्सिंग होम के संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इन बड़े सवालों का कौन देगा जवाब?
जानकारी के अनुसार इस महिला को 19 नवंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, यहां दो दिनों तक किसी तरह से डॉक्टरी सुविधा नहीं मिली. इसके बाद परिजन बेहद परेशान हो गए थे. इसी बीच एक आशा कार्यकर्ता ने उसे निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई. आशा कार्यकर्ता की मदद से परिजन, सोई हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पर जिला अस्पताल के गायनी डिपार्टमेंट के संविदा डॉक्टर आशुतोष पांडेय ने उसका सिजेरियन ऑपरेशन किया। यहां सवाल उठाए जा रहे हैं कि जो डॉक्टर निजी हॉस्पिटल में सिजेरियन ऑपरेशन कर सकता था, उसने जिला अस्पताल में ऐसा क्यों नहीं किया? और इस सवाल का जवाब जिम्मेदारों से मांगा जा रहा है कि आखिर कब तक मासूम मरीजों के साथ पैसे के लिए खिलवाड़ किया जाता रहेगा।
अब इसी सवाल का जवाब जानने के लिए सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने जिला अस्पताल के डॉक्टर, सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी और नर्सिंग होम के संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, आगे क्या होगा ये तो इंतज़ार के बाद ही सामने आएगा।
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸