State Break Special : अब 1 मार्च 2025 से टोल प्लाजा में FASTag सिस्टम हुआ खत्म, FASTag की जगह आएगा नया सिस्टम, भारत सरकार 1 मार्च 2025 से टोल वसूली के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली को लागू करने जा रही है। यह तकनीक पूरी तरह से डिजिटल होगी और इसमें गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस सिस्टम की प्रमुख विशेषताएं :
सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग: यह तकनीक GPS और GNSS का उपयोग करेगी, जिससे वाहन की लोकेशन और हाईवे पर उसकी यात्रा का पता लगाया जा सकेगा।सीधे बैंक से कटेगा टोल: टोल शुल्क वाहन के चलने की दूरी के अनुसार डायरेक्ट बैंक अकाउंट या वॉलेट से कट जाएगा। फास्टैग की जरूरत नहीं: इस सिस्टम में RFID स्टिकर (जैसे FASTag) की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि यह तकनीक वाहनों की ट्रैकिंग करके टोल अपने-आप काट लेगी।
हाईवे पर स्मूद ट्रैफिक: चूंकि टोल प्लाजा पर गाड़ियों को रुकना नहीं पड़ेगा, इसलिए हाईवे पर जाम की समस्या भी कम होगी।
सरकार इस सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी:पहला चरण (मार्च 2025) – नए वाहनों में इस टेक्नोलॉजी को अनिवार्य किया जाएगा।दूसरा चरण (जून 2025) – पुराने वाहनों को इस सिस्टम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।तीसरा चरण (दिसंबर 2025) – पूरे देश में यह सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाएगा।

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 1 मार्च 2025 से देशभर में यही टोल कलेक्शन सिस्टम लागू होगा। इस नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब टोल केवल तय की गई दूरी के अनुसार ही कटेगा। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो रोज़ हाईवे का छोटा-सा हिस्सा इस्तेमाल करते हैं। पहले जहां पूरे टोल प्लाजा का शुल्क देना पड़ता था, वहीं अब केवल उतने किलोमीटर का भुगतान करना होगा, जितनी दूरी वाहन ने तय की है।अगर आपके पास पहले से FASTag है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार जल्द ही सभी वाहन मालिकों को इस नए सिस्टम में अपग्रेड करने की जानकारी देगी। आपको सिर्फ अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन अपडेट करना होगा, जिससे यह नया टोल सिस्टम आपके बैंक अकाउंट से जुड़ सके।
जरूरी दस्तावेज़ : वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस बैंक अकाउंट डिटेल्स।

(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸