मुस्लिम बनकर दी थी राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी? पकड़े गए तो दोनों आरोपी सहित सरगना भी निकला..

Loading

Uttar Pradesh News : जैसा की आप सब लोगो ने भी सुना ही होगा की एक ई मेल द्वारा कुछ ही दिनों पहले श्री राम मंदिर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत एक को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, ई मेल भेजने वाले ने अपना आतंकवाद से कनेक्शन बताया था जिसके बाद से ये खबर लगातार सुर्खियों में थी, बता दे की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अयोध्या में नव निर्माणित राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला पकड़े जाने के बाद कोई मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू निकल कर सामने आया है। जानकारी के अनुसार इन लोगों ने मुस्लिम नाम से फर्जी ई मेल आईडी बनाकर धमकी दी थी, लेकिन जब पकड़े गए तो दोनों आरोपी हिंदू है, ये बात सामने निकल कर आई।

Uttar Pradesh News : बता दे की इस गंभीर और संवेदनशील मामले में यूपी एसटीएफ ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर आरोप है कि इन्होंने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर धमकी दी थी कि राम मंदिर, योगी आदित्यनाथ और एसटीएफ एडीजी को बम से उड़ा देंगे। इसके लिए आरोपियों ने सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी भी बनाई थी। सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपियों के नाम ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा है, दोनों गोंडा जिले के रहने वाले हैं। दोनों ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर ये धमकी दी थी। एसटीएफ के मुताबिक इनका सरगना देवेंद्र नाम का एक शख्स है। उसी के इशारे पर इनदोनों ने इस काम को अंजाम दिया है। माना और बताया जा रहा है कि देवेंद्र ने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा किया है, हालांकि ये बात साफ होनी अभी बाकी है।

वहीं एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि देवेंद्र के खिलाफ लखनऊ में पहले से कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि हम उसे जल्द ही पकड़ लेंगे। इस पूरे मामले के पीछे उसी का हाथ है। इससे पहले उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा मांगी थी। जिसके बाद उसे एक गनर भी मिला था।

बयान में एसटीएफ ने कहा :

एक बयान में एसटीएफ ने कहा कि डीजीपी मुख्यालय ने पिछले साल 27 दिसंबर को एसटीएफ को इस बात की खबर दी थी की एक्स पर @IdevendraOffice के नास से एक पोस्ट किया था जिसमें आतंकी संगठन आईएसआईएस से संबंधित ज़ुबैर खान नाम के एक व्यक्ति ने राम मंदिर, योगी आदित्यनाथ और अमिताभ यश को उड़ाने की धमकी दी थी। खबर मिलने के बाद एसटीएफ की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। एसटीएफ ने कहा कि छानबीन के दौरान पता चला कि लखनऊ में आलमबाग और सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशनों पर दो मामले दर्ज किये गये थे। धमकी देने के लिए दो ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया गया था। फिर छानबीन में पता चला की दोनों ईमेल आईडी ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा ने बनाए थे जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

धमकी भरे मैसेज 19 नवंबर और 27 दिसंबर को भेजे गए थे और देवेंद्र तिवारी ने अपने एक्स अकाउंट पर भी ये मैसेज शेयर किया था। मोबाइल फोन से ईमेल भेजने के बाद फोन को जला कर सबूत मिटाने की भी कोशिश की गई। एसटीएफ ने अपने बयान में कहा है कि तिवारी ने आरोपियों को बताया था कि इन ईमेलों के जरिये वह सोशल मीडिया पर मशहूर हो जाएगा जिसके बाद उसकी सुरक्षा बढ़ जाएगी और उसे कोई बड़ा राजनीतिक लाभ भी होगा।

पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ ये हुई कार्यवाही :

पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 507 (एक अनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी), 153-ए के तहत (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास स्थान के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 420 (धोखा), 468 (धोखा देने के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ का उपयोग करना), 201 (अपराध के सबूत मिटाना), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *