By Arish Ahmed : जानकारी के अनुसार सनकरा गांव में आयोजित पंचायत में प्रमुख राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को बिना ट्रक ड्राइवरों की सहमति के बिना 10 लाख जुर्माना और 7 साल की सजा का नया कानून नहीं बनाना चाहिए। दुर्घटना से मृत्यु पर 10 लाख का जुर्माना और सात साल की सजा का कानून काफी गलत है। ट्रक ड्राइवर किसान मजदूर के बेटे हैं। केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए। किसान गरीब मजदूर अपने परिवार का पालन पोषण इस महंगाई के दौर में मुश्किल से ही कर पा रहे हैं। उसपर ऐसे कानून उनके जख्मों पर नमक का काम करेंगे, बता दे की आज कल लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए ये कानून बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार भारतीय किसान यूनियन भानु की पंचायत में ट्रक ड्राइवरों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से बनाए गए कानून को वापस लेने व क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे झोलाछाप अस्पतालों पर कार्रवाई कराने की मांग की। केंद्र सरकार को किसान मजदूर के कर्ज माफ करने चाहिए, राजस्थान में जो 450 रुपये सिलेंडर की घोषणा की है, वह उत्तर प्रदेश में भी की जाए। इसको लेकर जल्द किसान मजदूर एक प्लेटफार्म पर आकर बड़ा आंदोलन करेंगे । जिले में झोलाछाप अस्पतालों की भरमार है। गरीबों किसानों की जिंदगी से खेला जा रहा है। नार्मल डिलीवरी को भी बड़ा आपरेशन में बदल दिया जाता है। ऐसे लोगो पर भी कार्यवाही करनी चाहिए।
जानकारी के अनुसार इस कानून के बारे में अफवाहों का बाज़ार भी गर्म चल रहा है, और लोग इसके विरोध के लिए भी आगे आ रहे है, इसी बीच इस कानून को लेकर आंदोलन करने वालो की संख्या भी बढ़ती जा रही है, बता दे की ये कानून लोगो को होने वाले आए दिन के हादसे से बचाने के लिए लागू किया गया है, आप हमे कमेंट्स में बताइए की क्या ये कानून लागू करना सही है?
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸
Ye to galat hai sir agar drawer ke pass itna paisa hota to o thodi na din raat mehnat karta sabhi se dur rah kar
Ye bahut galat h aise to kai pidi barbad ho jayegi unke hath m katora reh jayega or phir apne bachcho ko sb ye ki bolenge ki zindgi m kabhi driver mt bnna q ki driver banne se zindgi kharab ho jati h ye bahut glt h btaao ye niyam Bahut glt h bachche bhuke mar jayenge aise to