22 जनवरी को जिला अस्पताल में गूंजी 22 किलकारी, जन्मे 12 शिशु, 10 की संख्या में बेटियों ने लिया जन्म, परिजनों ने समझा राम का आशीर्वाद।

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Satna News : 22 तारीख, 22 प्रसव, श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन जन्मे 12 शिशु 10 की संख्या में बेटियों ने लिया जन्म, परिवारजनों में खुशी की लहर, मान रहे भगवान का प्रसाद।

Satna News : सतना। अयोध्या में 500 साल बाद भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, यह दिन सनातनियों के लिए खासकर उन महिलाओं के लिए विशेष रहा जिन्होंने 22 जनवरी को बच्चों को जन्म दिया। सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल में सुबह से रात तक 22 बच्चों का जन्म हुआ है। जबकि निजी अस्पतालों के आंकड़े अलग हैं। इसमें कई बच्चों का जन्म नॉर्मल हुआ तो कुछ का सीजर से हुआ है। इन बच्चों को जन्म देने वाली माताएं व परिवारजन खुश थे कि श्री राम के साथ-साथ उनके घर में भी भगवान के रूप में शिशुओं का जन्म हुआ है।

भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे शुभ मुहूर्त में हुई, इस दिन बच्चे को जन्म देने वाली माताएं भी खुद को सौभाग्यशाली मान रही हैं। वे कह रही हैं कि अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही शिशु को जन्म देकर, वे माता कौश्लया जैसी भाग्यशाली माता कहलाएंगी। बहरहाल 22 जनवरी को 22 की संख्या में डिलेवरी हुई, जिसमें 12 की संख्या में रामलला तो 10 की संख्या में बेटिंयों का जन्म हुआ।

कई महिलाओं ने किया था आग्रह:

जानकारों की माने तो 22 जनवरी को बच्चे का जन्म हो, इसके लिए कई महिलाएं पहले से ही चिकित्सकों के संपर्क में थी। महिलाओं ने अपने डॉक्टरों से आग्रह किया था कि वे डिलिवरी 22 जनवरी को ही कराना चाहती हैं, कई महिलाओं ने तिथि भी तय कर रखी थी।

अस्पताल में बंटी मिठाईंया:

स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की माने तो दर्जनों महिलाओं को सोमवार को बच्चे को जन्म देने का दबाव दिया था। लेकिन जांच आदि के बाद कई महिलाओं को एडमिट कराया तो कई रह गई। जिनके यहां बच्चों का जन्म हुआ उनके परिजनों द्वारा अस्पताल परिसर में मिठाई आदि का वितरण भी किया गया।

नवजात का नाम भगवान के नाम पर :

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर में नए मेहमान के आने पर परिजनों की खुशी दोगुनी हो गई। कई परिजनों ने कहा कि नवजात का नाम भगवान श्रीराम या उनसे मिलते-जुलते रखेंगे।

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