सतना। भारतीय ज्ञान प्रणाली सामाजिक सद्भाव और समृद्धि पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ 30 अगस्त को समारोह पूर्वक हुआ। कार्यशाला की प्रस्तावना एकेएस के प्रति कुलपति डॉ. हर्षवर्धन ने जोशीले अंदाज में प्रस्तुत करते हुए कहा की भारतीय ज्ञान प्रणाली के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करना और समाज में सामाजिक सद्भाव एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विचार विमर्श करना है। उन्होंने सभी उपस्थित मनीषियों और अतिथियों का परिचय भी दिया राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी और कुलाधिपति बी पी सोनी ने मंच से ये कहा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रतिमा बागरी, राज्य मंत्री,नगरीय प्रशासन,मध्यप्रदेश शासन रही उन्होंने मौके पर प्राचीन ज्ञान परंपरा की समृद्ध विरासत पर कौटिल्य,चाणक्य और अन्य भारतीय विभूतियों का जिक्र किया। जिन्होंने भारत की गौरव मई संस्कृति और विरासत को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन अत्यंत सार्थक और मर्म स्पर्शी है इसमें जीवन की हर कड़ी को सार्थक तरीके से जीने की कला शामिल है। भारतीय ज्ञान परंपरा जो वैदिक एवं उपनिषद काल में थी वह बौद्ध और जैन काल में भी रही यह विभिन्न विश्वविद्यालयों की स्थापना और शिक्षा व्यवस्था से स्पष्ट परिलक्षित होता है। राष्ट्रीय सेमिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय श्री बी.पी.सोनी जी ने करते हुए औद्योगिक क्रांति के साथ वर्तमान के परिपेक्ष्य में वाणिज्य में हो रही प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने के साथ-साथ स्कूलों की शिक्षा में उन्नयन की बात की। उन्होंने कहा की शासन की सुविधाओं का लाभ जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। भारत में ज्ञान की एक समृद्ध परंपरा है और एक विरासत है जो कई सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है। ये महानुभाव रहे उपस्थित। कार्यक्रम में डॉ. राजेश वर्मा, कुलगुरु रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय,जबलपुर,डॉ. राजकुमार आचार्य, कुलगुरू अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा,प्रो.आर.पी.गुप्ता,राज्य शिक्षण अध्ययन मंडल के अध्यक्ष एवं विभाग अध्यक्ष वाणिज्य कन्या महाविद्यालय रीवा, प्रो.पवन मिश्रा,अध्यक्ष केंद्रीय अध्ययन मंडल उच्च शिक्षा विभाग,वाणिज्य संकाय,बरकतुल्लाह वि. वि. प्रो. राजीव दुबे, लोकपाल एकेएस, प्रो.विपिन व्यवहार, प्राध्यापक कृषि अर्थशास्त्र,एकेएस ,प्रो.आर.एस. त्रिपाठी,प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी,कुलपति प्रो. बी.ए.चोपडे,प्रो.धीरेंद्र शुक्ला, ओएसडी,उच्च शिक्षा उपस्थित रहें।
टेक्निकल सेशन में हुई चर्चा। इसके पश्चात की कड़ी में सामाजिक समरसता समृद्धि को समाहित करने हेतु विषय विशेषज्ञ सत्र अध्यक्ष प्रो.धर्मेंद्र तिवारी रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम रहें यादगार। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से कार्यक्रम आगे बढ़ा। व्यापार प्रबंधन विज्ञान पर वंदना गोटे,डॉ.बी एम.एस. भदौरिया और व्यावसायिक अर्थशास्त्र विषय पर डॉ.अभय जैन ने व्याख्यान दिया। इस मौके पर कार्यक्रम की स्मारिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को मौके का मोमेंटो देकर सम्मान किया गया। इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. धीरेंद्र ओझा,डॉ.असलम सईद, विपिन सोनी,विनीत पांडे,श्री कृष्ण झा,शिवम पांडे,भारती त्रिपाठी,राधा सिंह तथा सीएस बालेश शुक्ला,विपुल शर्मा की अहम भूमिका रही।कार्यक्रम का संचालन फैकेल्टी भरत सोनी ने किया।
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸