SATNA के लाल ने देश में किया नाम, ब्रजेश की कप्तानी मे भारत ने रचा इतिहास, नेपाल को हरा कर जीता मैच।

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Satna News : एक और सतना के लाल ने देश भर में सतना का का नाम कर रच दिया इतिहास, ब्रजेश की कप्तानी मे भारत ने रचा इतिहास पहला डीसीसीबीआई कप अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग टेस्ट मैच भारत ने एक परी और 18 रन से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।

Satna News : आगरा, उत्तर प्रदेश में दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आफ इंडिया के सानिध्य में 28 से 30 दिसंबर तक आयोजित हुए पहले दिव्यांग टेस्ट मैच में भारत ने नेपाल को पराजित कर टेस्ट मैच अपने नाम किया। खास बात ये रही की आईआईटी इंदौर मे सीनियर असिस्टेंट के तौर पर पदस्थ, सतना के बृजेश द्विवेदी इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में कप्तान की भूमिका मे भारतीय टीम को एक पारी और 18 रन से विजय श्री दिलाई। नेपाल के कप्तान शुखलाल ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया, पहली पारी में नेपाल 29.02 गेंद मे 121 रन बना कर ऑल आउट हो गई।

नेपाल की तरफ से सर्वाधिक रमजान अली ने 62 रन की पारी खेली। भारत की तरफ सर्वाधिक विकेट कैलाश प्रसाद ने 6 विकेट के रूप मे लिए और अभिनंदन उपाध्याय ने तीन विकेट सुमन ने एक विकेट लिए.उसके जवाब में भारत पहली पारी में 264 रन 8 विकेट के नुकसान पर परी की घोषणा की भारत की ओर से शैयाद शाह अज़ीज़ ने 118, सूरज मनकेले ने 55, एवं अभिनंदन उपाध्याय ने 39 रन की मत्वपूर्ण पारी खेली। नेपाल की तरफ से दीपक खेडका ने चार विकेट और छबिलाल धोबी ने तीन विकेट लिए। दूसरी पारी खेलने उतरी नेपाल टीम ने कप्तान ब्रजेश द्विवेदी की घातक गेंदबाजी के आगे 125 रन पर ऑल आउट हो गई।

कप्तान बृजेश के अलावा अभिनंदन ने 2, लव वर्मा एवं सैयद साहब अजीज ने एक विकेट लिया, इस प्रकार भारत ने इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को एक परी और 18 रन से जीता, जीत के बाद ब्रजेश ने बताया की दिव्यांग क्रिकेट मे वो 23 वर्ष से खेल रहे है और यह पहला टेस्ट उनके जीवन की सब सब से बड़ी उपलवधि है। उन्होंने ने यह जीत अपने देश, बोर्ड,अपनी संस्थान आईआईटी इंदौर एवं अपनी तीनो बहनो को समर्पित किया एवं कहा की मेरी संस्थान का अटूट सहयोग उन्हे प्रेरित करता है की आज 40 वर्ष का होने के बाबजूद मै खेल के साथ प्रदेश के 300 सौ दिव्यांग क्रिकेट खिलाडियो को खेलने के लिए प्रेरित कर रहा हु जोकी बिना सहयोग के संभव नही हो पाता, मै अपने संस्थान एवं अपने सभी शुभ चिंतकों का आभार व्यक्त करता हु की उनकी हौसला अफ़ज़ाई और सहयोग ने मुझे देश का नेतृत्व करने का मौका मिला।

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