समाज सेवी मयंक तिवारी ने मेहनत के बल पर युवाओं के सामने खड़ी की मिसाल, कर्म और समाज सेवा को समझा पहला धर्म, बने अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा के युवा जिलाध्यक्ष..

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Satna ke Samaj Sewi एडिशन : सतना शहर के धवारी इलाके में रहने वाले मयंक तिवारी पिता माता प्रसाद तिवारी पूरी निष्ठा के साथ समाज सेवा का काम करते हुए, साफ तौर पर सतना जिले के एक युवा समाज सेवी के तौर पर निखर कर सामने आए है, मयंक तिवारी ने 19 साल की छोटी सी उम्र में ही सतना शहर के आम लोगो के दिलो में अपने कर्म एवं समाज सेवा की भावना से जगह बनाई है..

इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आपको बता दे की मयंक तिवारी अपनी कड़ी निष्ठा और समाज सेवी कार्यों के चलते 19 साल की छोटी सी उम्र में अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा के युवा जिलाध्यक्ष भी नियुक्त किए गए है, साथ ही वो बंगलौर जैसे बड़े शहर से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख रहे है, ताकि वो आगे बडकर देश के लिए कुछ कर पाए और सतना का नाम रौशन कर सके..

उल्लेखनीय है कि, मयंक तिवारी के पिता जी भी अक्सर समाज सेवी के कामों में आगे रहते है, और वही से मयंक को भी प्रेणना प्राप्त होती है, वही अगर उनके पद की बात की जाए तो मयंक तिवारी अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा के युवा जिलाध्यक्ष भी है और वो संगठन से जुड़े सभी कार्यों के लिए भी हमेशा सबसे आगे रहते है, संगठन द्वारा भी कई बार उनके समाज सेवा कार्यों की सराहना की गई है..

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