स्वीडन लूलिया यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, स्वीडन के निदेशक प्रोफेसर डॉ. उदय कुमार के साथ अतिथि वार्ता, एकेएस विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में संवाद..

Loading

Aks University : सतना। 7 नवंबर को लूलिया यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, स्वीडन के निदेशक प्रो. डॉ. उदय कुमार के साथ एक विशेष अतिथि वार्ता का स्टूडेंट्स के लिए आयोजन किया गया। इस वार्ता में डॉ.उदय कुमार ने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में ही हो गई थी कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है जिससे उन्हें तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है इसी आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है। उन्होंने रोचक तरीके से कृत्रिम बुद्धि पर स्टूडेंट्स के साथ वार्तालाप किया उन्होंने कहा की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की एक ब्रांच है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को बुद्धि के साथ विकसित करता है..

Aks University : 1955 में जॉन मैकार्थी ने इसको कृत्रिम बुद्धि का नाम दिया और इसके बारे में यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के बुद्धिमान मशीनों बनाने के रूप में परिभाषित किया। डेटा साइंस में हम डाटा को कंप्यूटर प्रोग्राम को देते हैं और फिर वह कंप्यूटर प्रोग्राम अपने आप उसे दिए गए उत्तर में कुछ पेटर्न्स या डाटा प्वाइंट्स को गणित की मदद से समझ लेता है और हमें पूर्व सूचना प्रदान करता है और इसी प्रक्रिया को मशीन लर्निंग कहते हैं ।कुल मिलाकर सिस्टम को ऐसी क्षमता प्रदान करना जिसके सहारे मशीन खुद बिना किसी की सहायता के सब कुछ सीख जाता है, जैसे इंसान अपने जीवन के अनुभव से बहुत कुछ सीखना है ठीक उसी प्रकार मशीन भी अपने अनुभव के माध्यम से बहुत कुछ लर्न करता है ।यह मशीन लर्निंग की कड़ी है।जबकि डीप लर्निंग एक मल्टी न्यूरल नेटवर्क की मदद से खुद ही डाटा से फीचर्स पता कर लेता है और बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के अपना आउटपुट देता है ।डीप लर्निंग भी मशीन लर्निंग का ही एक सबसेट है, जिसकी मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने बुनियादी अवधारणाओं को समझाया। उन्होंने एआई और डेटा साइंस की विभिन्न लाइव प्रोजेक्टस्प का भी प्रदर्शन किया..

Aks University : इस विस्तृत बातचीत में छात्रों ने एआई और डेटा साइंस के संबंध में विभिन्न प्रश्न पूछे। कार्यक्रम में प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी ने छात्रों को एआई और डेटा साइंस के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया। संचालन अखिलेश ए.वाउ ने किया। वार्ता में फैकल्टी मेंबर लोकेंद्र गौर,प्रज्ञा श्रीवास्तव,बृजेश सोनी ने भाग लिया स्टूडेंट्स के लिए यह ज्ञान अति उपयोगी रहा। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्वीडन से पधारे अतिथि का धन्यवाद दिया और उन्हें पुनः विश्वविद्यालय आने के लिए आमंत्रित किया..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *