मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने को लेकर दो आशा कार्यकर्ताओं के बीच हुई जमकर मारपीट, आखिर कब तक रहेगा ये हाल? इसी के चलते एक महिला की जा चुकी है जान..

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District Hospital Satna : सतना। जिला अस्पताल में आशाओं का आतंक लगातार जारी, एक बार फिर मरीज को प्राइवेट अस्पताल लें जाने को लेकर दो आशा कार्यकर्ताओं के बीच हुई जमकर मारपीट, इस बार वीडियो भी सोशल मीडिया में तेज़ी से हुआ वायरल..

District Hospital Satna : लगातार जिला अस्पताल का सरकारी सिस्टम फेल अस्पताल परिसर में आशा और एंबुलेंस के ठेकेदारों का चलता है राज, मरीजो की मौत का कारण बन रहे ये लोग, अभी कुछ ही दिन पहले एक आशा के कारण अस्पताल चौराहे के एक क्लीनिक में एक महिला की हो चुकी है मौत..

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो :

District Hospital Satna : वहीं सूत्रों की माने तो इस बार भी ये वही देवमती नामक कोई महिला है, जो पिछले दिनों एक मरीज को ये कह कर प्राइवेट अस्पताल ले जा रही थी कि यह सरकारी अस्पताल है, यहां तुमको अच्छा इलाज नहीं मिलेगा इस मामले में सीएमएचओ ने रामपुर बीएमओ को आशा को हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है..

District Hospital Satna : उल्लेखनीय है की विगत दिनों पन्ना से जिला अस्पताल इलाज कराने आई एक महिला को आशा के द्वारा बरगलाकर, अस्पताल चौराहे में ही स्थित मेडिकल स्टोर के अंदर संचालित क्लीनिक में ले जाया गया था, जहां पर बिना डिग्री की बैठी एक महिला डॉक्टर ने महिला को इंजेक्शन लगाया था जिसके चलते महिला की मौत हो गई थी, हालांकि पुलिस ने महिला डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल प्रबंधन यह सब जानकर भी मौन क्यू है?

कलेक्टर भी इस मामले में सीएस को दे चुके है निर्देश :

District Hospital Satna : बड़ी बात तो ये है की कलेक्टर भी इस मामले में सीएस को फटकार लगा चुके है कि आपके केबिन तक ऐसे लोग पहूंच जाते है और आपको पता भी नही चलता, जानकारी के अनुसार कार्यवाही के निर्देश भी मिले थे लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। (District Hospital Satna) वहीं जानकारों का कहना है की स्वास्थ्य अमले पर किसी  भी निर्देश- फटकार का कोई असर नहीं पड़ता है। दवाई की दुकान में फर्जी लेडी डॉक्टर के इलाज से महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम- अस्पतालों और अन्य दवाखानों की जांच के निर्देश भी दिए गए थे लेकिन वो भी सिर्फ निर्देश ही रह गए हैं,फील्ड में कहीं कोई एक्शन नजर अभी तक नहीं आया है, तो क्या अस्पताल प्रशासन और भी घटनाओं का इंतजार कर रहा है?

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