पेपरलेस बिजली बिल के नामपर ग्रामीणों का हो रहा शोषण : नारायण त्रिपाठी, बिना एंड्रॉयड फोन वाले ग्रामीण हो रहे परेशान..

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सतना। जिले के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली विभाग द्वारा जारी किए जा रहे बिजली बिलों का विरोध किया है, नारायण त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की राजधानी जहां की 90% प्रतिशत आबादी पढ़ी लिखी है हर व्यक्ति के पास एंड्रॉयड मोबाइल है वहाँ बिजली विभाग के मीटर रीडर घर घर जाकर लोगो के बिजली के स्पाट बिल उन्हें मौके में निकालकर मुहैया करा रहे हैं, वही दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रो में जहां अधिकतर लोग के पास एंड्रॉयड मोबाइल नही है, साधारण फोन भी नहीं है, शिक्षा का भी अभाव है वहां आनलाइन व पेपरलेस बिजली बिल मैसेज से भेजे जा रहे हैं ।

जिससे ग्रामीणों को उनके बिलो के बारे में जानकारी नही हो पाती, ऐसे में दो तो तीन माह बीतने पर तमाम तरह के सरचार्ज और ब्याज उसके बिलो में जोड़ दिये जाते है और ऐसे में बिल की जानकारी के अभाव में बिल जमा न होने पर विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी गांवो में विद्युत कनेक्शन काटने पहुँच जाते है और उपभोक्ता को सुविधा विहीन कर देते हैं ।

जिससे ग्रामीण क्षेत्रो के लोगो का सरेआम शोषण हो रहा है।विद्युत विभाग के द्वारा लोगो को मनमानी बिल भेजे जा रहे हैं इसकी भी जानकारी ऑनलाइन बिल होने के कारण उन्हें जानकारी नही हो पाती एक बल्ब के कनेक्शन धारियों को 300 से 400 यूनिट खपत के बिल भेजे जा रहे हैं। मीटर उनके कुछ अलग कहानी बयां करते है बिल कुछ और ही। जब इनके सत्यता की परख की जाती है तो बिल सुधारे जाने के नामपर एक आवेदन ले लिया जाता है लेकिन उसके निपटारे की कोई समय सीमा निर्धारित नही होती या यूं कहें कि उसमें सुधार होना ही नहीं है और अंत मे उसे वह भारी भरकम बिजली का बिल भरने को मजबूर किया जाता है और व्यक्ति अगर सुधार की बात करता है तो उसका कनेक्शन काट जेल भेज दिया जाता है और तबतक नही छोड़ा जाता जबतक बिजली का बिल जमा न हो जाय यह घोर अन्याय है जिसपर सरकार तत्काल संज्ञान ले।

मैहर विधायक ने कहा कि यह कार्य हरगिज न्याय संगत नही है, हम विन्ध्य में इसका पुरजोर विरोध करेंगे ।

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