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सतना। एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना फैकल्टी ऑफ लॉ के 120 छात्रों और 6 संकाय सदस्यों ने 20 मार्च 2025 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर का शैक्षणिक भ्रमण किया। स्टूडेंट को बताया गया कि भारत के उच्च न्यायालय भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अपीलीय क्षेत्राधिकार के सर्वोच्च न्यायालय हैं । हालाँकि, एक उच्च न्यायालय अपने मूल नागरिक और आपराधिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग केवल तभी करता है जब अधीनस्थ न्यायालयों को विशिष्ट या क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार की कमी के कारण ऐसे मामलों की सुनवाई करने के लिए कानून द्वारा अधिकृत नहीं किया जाता है। उच्च न्यायालय कुछ मामलों में मूल क्षेत्राधिकार का भी आनंद ले सकते हैं, यदि ऐसा निर्दिष्ट किया गया हो, विशेष रूप से संविधान,राज्य कानून या संघ कानून द्वारा। भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को न्यायपालिका की कार्यप्रणाली से अवगत कराना और उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। छात्रों ने उच्च न्यायालय के विभिन्न विभागों का अवलोकन भी किया।न्यायिक कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखा और प्रक्रिया समझी। स्टूडेंट्स को बताया गया कि उच्च न्यायालय प्रथम दृष्टया सभी उच्च-मूल्य और उच्च-महत्व वाले सिविल कानून गैर-आपराधिक मामलों से निपटता है, कुछ वैधानिक अपवादों के साथ सभी अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर इसका पर्यवेक्षी क्षेत्राधिकार भी है, हालांकि इस बात पर बहस है कि क्या ये अपवाद प्रभावी हैं।

न्यायाधीशों, अधिकारियों और अधिवक्ताओं से बातचीत कर न्यायिक प्रक्रिया,उच्च न्यायालय की कार्यप्रणाली और न्यायिक फैसलों की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझा। इस अवसर पर स्टूडेंट्स को न्यायपालिका की व्यावहारिक समझ आई। छात्रों ने इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया और कहा कि यह अनुभव उनकी कानूनी समझ को गहरा करने में सहायक रहा । इस शैक्षणिक यात्रा का नेतृत्व डॉ.एस.के.जैन,डीन, फैकल्टी ऑफ लॉ, विनय कुमार पाठक,हरिशंकर कोरी,विधि समभरकर, शशिकांत दुबे, और प्रशांत कुमार ने किया। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने शैक्षणिक भ्रमण को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें वहां समझी लीगल प्रक्रिया को व्यवहारिक जीवन में उतरने की सलाह दी।

(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸
