SATNA Medical : सतना। जिले में अवैध रूप से संचालित अस्पताल नर्सिंग होम क्लीनिक की सतत रूप से जांच करने के कलेक्टर ने जारी किए आदेश..
सतना। कलेक्टर ने पूर्व में गठित कमेटी को दिए निर्देश — सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मीडिया, सोशल मीडिया एवं शिकायतों में जिले में अवैध रूप से चिकित्सीय कार्य किए जाने की खबरों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जिले में शहरी और विकासखंड स्तर पर अवैध अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक की जांच एवं निरीक्षण के लिए पूर्व में गठित दल को निर्देशित किया है कि अवैध रूप से चिकित्सीय कार्य कर रही स्वास्थ्य संस्थाओं की निरंतर जांच और निरीक्षण करते हुए विधि अनुरूप कार्यवाही लागू कर वाए..
कलेक्टर ने नोडल अधिकारी शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम और सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस हेतु गठित जांच दल से समन्वय और संपर्क कर मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण और अनुज्ञापन) नियम 1973 तथा भारतीय दंड विधान से संबद्ध प्रावधानों के अनुरूप विधि सम्मत कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। इस संबंध में गठित जांच दल के साथ नियमित रूप से क्षेत्र का भ्रमण करें तथा अवैध चिकित्सीय कार्य को बंद कराने कार्यवाही सुनिश्चित करायें..
क्या है इस जांच की वजह :
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आपको बता दे की इस जांच की मांग तो शहर के आम लोगो से लेकर पत्रकारों द्वारा सीएमएचओ से काफी समय से की जा रही थी लेकिन इस पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा था, लेकिन अगर घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए जांच के आदेश की वजह ढूंढे तो कुछ दिन पूर्व में ही सतना जिले अस्पताल चौराहे के पास स्थित अंकुर मेडिकोज में मेडिकल दुकान में क्लिनिक चला रही डॉक्टर के इलाज से युवती की जान चली गई थी, जिसके बाद परिजनों के हाई वोल्टेज हंगामे के बाद पुलिस ने समझाइश देकर मामले को शांत कर वाया था, और कार्यवाही भी की गई थी। इस घटना के चर्चे सोशल मीडिया में काफी समय तक थमे नही थे, ऐसे में लोगो का कहना है कलेक्टर ने इसी और ऐसे ही घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए जांच के आदेश दिए है..
कैसे आंख में धूल झोंक रहे है डॉक्टर :
आपको बता दे की सतना में एक, दो या तीन नही बल्कि ऐसे दर्जनों अस्पताल चल रहे है, जहां डॉक्टर होमियोपैथी की डिग्री लेकर अस्पताल खोल के बैठे है और इंजेक्शन से लेकर ऑपरेशन तक का रिस्क वो कुछ पैसे के लिए खुद ही ले लेते है, और अब ऐसे में जब कोई समाज सेवी या पत्रकार आरटीआई के थ्रू जानकारी लेना चाहते है, तो वो डॉक्टर बड़ी ही चालाकी से किसी भी एमबीबीएस डॉक्टर को अपने हॉस्पिटल में थोड़ी देर बैठा कर जानकारी में उनका नाम पेश कर देते है, जिसके लिए उन्हें भारी रकम भी देते है। जिस वजह से अभी तक ऐसे सभी डॉक्टर बचते चले जा रहे है, तो क्या इस बार कार्यवाही मुमकिन होगी?
शहरी और विकासखंड स्तर पर गठित है जांच दल:
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अनुराग वर्मा ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशानुसार पिछले वर्ष सतना जिले में संचालित अवैध अस्पताल नर्सिंग होम क्लीनिकों की जांच और निरीक्षण करने के लिए सतना शहरी क्षेत्र एवं सभी विकासखंड स्तर पर अधिकारियों के दल गठित किए थे। सतना शहरी क्षेत्र के लिए गठित दल में पदेन एसडीएम सिटी सतना, पदेन नगर पुलिस अधीक्षक सतना नोडल अधिकारी शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम सतना को शामिल किया गया है..
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखंड स्तर पर गठित दलों में संबंधित क्षेत्र के पदेन एसडीएम, पदेन एसडीओपी और खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को शामिल किया गया है। कलेक्टर ने सभी गठित दलों को मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी अधिनियम 1973, राज्य शासन स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश प्रदान कर जिले में अवैध रूप से संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक के संबंधों में समय-समय पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण और जांच करने के निर्देश दिए हैं..
(Arish Ahmed Owner At statebreak.in) Journalist🔸