मुरैना प्लेन हादसा, वायुसेना के सुखोई 30-मिराज 2000 क्रैश । जानिए पूरा मामला ।

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Madhya Pradesh ( मध्य प्रदेश) मुरैना में भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट क्रैश हो गए हैं। दोनों विमान वायुसेना के टॉप फाइटर जेट में शुमार होते हैं और यह हादसा वायुसेना के लिए बड़ा नुकसान है। #Planecrash

मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए भीषण हादसे में वायुसेना के दो फाइटर प्लेन सुखोई 30 और मिराज 2000 क्रैश हो गए हैं। दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और दोनों विमान अभ्यास उड़ान पर थे। अभी हादसे की वजह पता नहीं चल सकी है, जो जांच के बाद ही पता चल सकेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के वक्त सुखोई 30 में दो पायलट और मिराज 2000 में एक पायलट सवार था। रिपोर्ट्स के अनुसार, दो पायलट सुरक्षित हैं और तीसरे पायलट के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एयरफोर्स ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। यह हादसा भारतीय वायुसेना के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। #Planecrash

Sukhoi-30MKI: Madhya Pradesh ( मध्य प्रदेश) सुखोई-30 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसके आधुनिक वर्जन सुखोई 30एमकेआई को रूस की कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल ने मिलकर विकसित किया है। दो सीटों वाला यह मल्टी रोल फाइटर जेट दुनिया के सक्षम लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। इस विमान में दो टर्बोजेट इंजन लगे हैं, जो अधिकतम 2120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। 21.9 मीटर लंबा और 6.4 मीटर ऊंचे इस विमान की कुल चौड़ाई 14.7 मीटर है। यह विमान कुल 38,800 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है। सुखोई 30 300 मीटर प्रतिसेंकेंड की रफ्तार से ऊंचाई की तरफ उड़ान भर सकता है। सुखोई एक बार में अधिकतम 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और बीच हवा में रिफ्यूलिंग के बाद यह विमान 8000 किलोमीटर तक जा सकता है। सुखोई 30 दुनिया के सबसे ज्यादा हथियारों से लैस फाइटर प्लेन में शुमार होता है और भारत में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल समेत कई घातक मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। सुखोई 30एमकेआई के एक विमान की कीमत करीब 62 मिलियन डॉलर है। Planecrash

Mirage-2000: Madhya Pradesh ( मध्य प्रदेश) फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट द्वारा निर्मित मिराज 2000 फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के टॉप फाइटर जेट में से एक है। यह विमान पहली बार साल 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना था। भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज 2000 फाइटर जेट हैं। सिंगल शाफ्ट इंजन SNECMA M53 से लैस यह विमान सिंगल सीटर है। मिराज 2000 की लंबाई 14.36 मीटर, पंखों समेत चौड़ाई 91.3 मीटर है। इस प्लेन का कुल वजन 7500 किलोग्राम है, जो कुल 17 हजार किलोग्राम वजन को लेकर उड़ान भर सकता है। मिराज 2000 फाइटर जेट की टॉप स्पीड 2336 किलोमीटर प्रतिघंटा है और यह एक बार में अधिकतम 1550 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। बता दें कि मिराज 2000, रूस में बने सुखोई 30 से भी तेजी से उड़ान भर सकता है। मिराज अधिकतर 59 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। Planecrash

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